
हिंदी दिवस 2020:इतिहास
हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर, 1949 के दिन मिला था. तब से हर साल यह तारीख 'हिंदी दिवस' के रूप में मनाई जाती है। हम सभी अंग्रेजी भाषा को सीखने में इतने व्यस्त हो गए हैं कि कम ही लोग जानते हैं आखिर ये दिन क्यों मनाया जाता है और इस दिन का क्या महत्व है।
हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन के बाद हिंदी दुनिया में चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी दिवस पर हर साल, भारत के राष्ट्रपति भाषा के प्रति योगदान के लिए लोगों को राजभाषा पुरस्कार से सम्मानित करते हैं।
भारत में हिंदी भाषा का इतिहास इंडो-यूरोपियन भाषा परिवार के इंडो-आर्यन शाखा से है। जिसे देवनागरी लिपि में भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में लिखा गया है। जब देश आजाद हुआ था, उसके बाद सबसे बड़ा सवाल भाषा को लेकर ही था। हम सब जानते हैं कि भारत में सैकड़ों भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं। ऐसे में किसी एक भाषा को भारत की राजभाषा के रूप में चुनना हमारे संविधान निर्माताओं के लिए बड़ी चुनौती थी।
अगर आज भी हमने भाषा को लेकर सतर्कता नहीं बरती तो वो दिन दूर नहीं जब हिंदी भाषा हमारे बीच से बिल्कुल गायब हो जाएगी। यदि हमें हिंदी भाषा के महत्व को जिंदा रखना है तो इसके प्रचार-प्रसार को बढ़ाना होगा। साथ ही सरकारी और प्राइवेट ऑफिस के कामकाज में हिंदी को प्राथमिकता देनी होगी। इसी के साथ सिर्फ अंग्रेजी भाषा के आधार पर किसी भी इंसान की काबिलियत को न आंका जाए। अंग्रेजी भाषा के फेक भ्रम को हमें और आपको जहन से निकालना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ी हिंदी भाषा को और मजबूत बना सके।
"हिंदी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र मे पिरोया जा सकता है। "
-स्वामी दयानन्द सरस्वती