रक्षात्मक ड्राइविंग-Defensive driving
सुरक्षित या रक्षात्मक ड्राइविंग (Driving) का अर्थ है कि जुर्माने, चालान, दुर्घटना, किसी प्रकार के नुकसान, चोट अथवा सडक पर दूसरों के साथ किसी परेशानी के बिना अपने गंतव्य पर सुरक्षित पहुँचना दूसरे शब्दों में जिम्मेदारी और सामान्य ज्ञान के साथ ड्राइविंग करना ड्राइविंग सीखने का मकसद केवल ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करना ही नहीं है, बल्कि इसके सही मायने हैं ड्राइविंग की अच्छी आदतों को आत्मसात करना नीचे कुछ महत्त्वपूर्ण सुझाव हैं जो आपको एक सुरक्षित और जिम्मेदार चालक बनने में सहायक सिद्ध होगें –
- यातायात चिहनों और संकंतों का हर समय पालन करें चाहे कोई न भी देख रहा हो. लाल बत्ती पर अवश्य रुकें रोलिंग स्टॉप (स्टॉप रेखा पर रूककर धीरे-धीरे चलते रहना) इत्यादि जैसी धोखाधडी न करें स्टॉप लाइन स्टॉप सूचक पर पूरो तरह से रुकें ।
- बाहन चलाते हुए रियरव्यू मिरर व साइड मिरर (दर्पण) नियमित रूप से देखते रहे जिससे आसपास के यातायात की जानकारी रहे । इसी प्रकार दिशा बदलते हुए कंघे के ऊपर से पीछे देखकर ब्लाइंड स्पॉट को अवश्य चैक करें हमेशा अन्य वाहनों, विशेष रूप से बडे ट्रकों के ब्लाइंड स्पॉट के बारे में सावधान रहे तथा दूसरे वाहनो के ब्लाइंड स्पॉट से बाहर रहें ।
- मुड़ते समय या लेन बदलते समय उचित सकेत दें ।
- सचेत रहें और लगातार सडक पर संभावित खतरों के प्रति सजग रहे ।
- शराब या किसी नशीले पदार्थ के प्रभाव में, नींद में अथवा यदि आप थकान महसूस का रहें हों तो वाहन न चलाऐं
- ड्राइविंग करते हुए ध्यान भंग होना खतरनाक हो सकता है 1 ड्राइविंग करते हुए कोई अन्य काम फोन पर बात करना, खाना, फिल्म देखना, रेडियो/सीखी. प्लेयर/जी०पी०एस० समायोजित करना, मेकअप करना इत्यादि, कदापि न करें ।
- अपने वाहन की गति सड़क, मौसम और अन्य परिस्थितियों के अनुसार रखें ।
- आगे चल रहे वाहन से सटकर (Tailgating) न चलें, बल्कि उससे सुरक्षित दूरी बनाये रखें । आगे वाले वाहन से सुरक्षित दूरी निर्धारित करने के लिए 2 सैकंड नियम का पालन करें ।
- अपने वाहन को अच्छी हालत में रखें । विंडस्कीन, खिडकियों और दर्पण साफ रखें और टायरों में हवा का दबाव पर्याप्त रखें ।
- सडक को ट्रक, साइकिल, पैदल यात्री, मोटरसाइकिल और सडक के अन्य उपयोगकर्ताओ के साथ समानता व शिष्टाचार के आधार पर सांझा करें !
- विनम्र बनें और आक्रामक ड्राइविंग न करें । ड्राइविंग कोई प्रतियोगिता नहीं है जिसे जीतना जरूरी है । वाहन चलाने का प्रयोजन केवल अपने गंतव्य पर सुरक्षित पहुंचना है ।
- वाहन में सभी यात्रियों को सीट बेल्ट पहनने के लिए प्रेरित करें । शिशुओं और बच्चों को वाहन की पीछे की सीटों पर बैठाऐँ । उनको आगे बैठाना असुरक्षित हो सकता है
- वाहन में प्राथमिक चिकित्सा किट हमेशा रखें ।
- सडक की असमतल और ऊबड़-खावड़ पटरी बारे खास तौर पर सावधान रहें.
- पशुओं और धीमी गति से चलने वाले वाहनों का ध्यान रखें । उन्हें धीरे-धीरे और तभी पार करें जब ऐसा करना सुरक्षित हो ।
- आपातकालीन वाहनों को रास्ता दें और उनका पीछा कभी न करें । आपातकालीन वाहन का सायरन सुनते ही लेन बदल लें और उन्हें जाने की जगह दें ।
- दुपहिया वाहन की सवारी करते समय हमेशा हेलमेट पहनें ।
- मानवरहित रेलवे लाइन को पार करते समय सतर्क रहें । केवल निर्धारित क्रोस्सिंग से ही रेलवे लाइन को पार करें । रेलगाडी के साथ तेज चलने की स्पर्धा न करें, क्योंकि रेलगाडियॉ प्राय: जितनी दिखती हैं, उससे बहुत तेज गति से चल रही होती हैं ।
- एक अभिभावक कें रूप में युवा पीढी को सुरक्षित ड्राइविंग के बारे में जागरूक करना आपकी जिम्मेदारी है । उन्हें अच्छी ड्राइविंग करने हेतु प्रोत्साहित करें । याद रखें कि यदि अभिभावक स्वयं सुरक्षित ड्राइविंग के नियमों का पालन नहीं करेगें तो उनके किशोर बच्चे भी उनका ही अनुसरण करेगें ।
- उम्र बढने के साथ-साथ व्यक्ति की नजर कमजोर हो जाती है, शरीर में शक्ति और लचीलापन कम हो जाता है तथा प्रतिक्रिया सुस्त हो जाती हैं । ऐसे शारीरिक और मानसिक परिवर्तन ड्राइविंग को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए अपनी शारीरिक विशेषकर आँखों की नियमित रूप से जॉच करवाएँ । यदि आप कोई दवा लेते हैं. तो अपने ड्राइविंग कौशल और दृष्टि पर उसके प्रभाव बारे पता कर लें
- बच्चों को वाहनों के अन्दर या आसपास खेलने अथवा वाहन की डिग्गी में छुपने के खतरों के बारे में अवश्य बतायें। कोई बच्चा गायब हो जाये, तो अपने वाहन और उसकी डिग्गी को तुरन्त चैक करें ।
- बच्चों या पालतू जानवरों को कभी भी वाहन में अकेला न छोडें, चाहे आप थोडे समय के लिए ही वाहन से दूर जा रहे हों ।
- पैदल चलने वालों के लिए रुकें और उन्हें पहले जाने दें । इसी प्रकार बच्चों का खास ध्यान रखें, विशेष रूप से आवासीय क्षेत्रों में तथा स्कूलों व स्कूल बसों के आस-पास बच्चे अचानक आपके रास्ते में आ सकते है ।
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