विश्व स्वास्थ्य संगठन के पहले महानिदेशक ब्रॉक चिशहोम एक मनोरोग चिकित्सक थे। उनकी एक प्रसिद्ध उक्ति है- "बगैर मानसिक स्वास्थ्य के सच्चा शारीरिक स्वास्थ्य नहीं हो सकता है।" मानसिक तौर पर हमारी थकान हमें तनाव और चिंता की ओर धकेलती है और यही जब ज्यादा बढ़ जाए तो डिप्रेशन यानी अवसाद का रूप ले लेता है। शारीरिक परेशानियों की ओर तो हमारा ध्यान जाता है, लेकिन मानसिक परेशानियों को लेकर हमलोग बहुत जागरूक नहीं होते हैं। मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से ही हर साल 10 अक्तूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।
शारीरिक बीमारी के बारे में तो हम सारी चीजें जानते हैं और साथ ही उसका इलाज भी मिल जाता है लेकिन आज की इस जिंदगी में मानसिक बीमारी एक बहुत बड़ी समस्या बनकर सामने आती है. दरअसल लोगों को मानसिक स्वास्थ्यके प्रति संवेदनशील और जागरूक करने के उद्देश्य से 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है.
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का इतिहास
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पहली बार साल 1992 में संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव रिचर्ड हंटर और वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ की पहल पर मनाया गया था. इसके बाद साल 1994 में तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र के महासचिव यूजीन ब्रॉडी के सुझाव के बाद विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस को एक थीम के साथ मनाने की शुरुआत की गई. सन् 1994 में पहली बार “दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार।” नामक थीम के साथ विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया था. ऑस्ट्रेलिया समेत कुछ देशों में मानसिक रोगों से बचने और उनके नुकसान के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह भी मनाया जाता है
क्यों मनाया जाता है विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस
स्वास्थ्य दिवस 2021 की थीम
हर साल विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस के लिए हर साल अलग-अलग थीम रखी जाती है, इस साल 'Mental Health in an Unequal World' “एक असमान दुनिया मे मानसिक स्वास्थ्य” रखी गई है. इसी थीम पर पूरे विश्व में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
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